शिव का बीज अक्षर है ‘न’। यह अक्षर शिव की शक्ति ने उन्हें दिया। शिव से शक्ति को निकाल दो, वह शव हो जाएंगे। न चल पाएंगे, न बोल पाएंगे। उसी शक्ति ने संसार को ‘नम: शिवाय’ का मंत्र दिया, जिसका अर्थ है-जो कल्याणकारी है, उसको नमस्कार..
खजुराहो के मंदिरों में सबसे विशाल कंदरिया महादेव मंदिर मूलतः शिव मंदिर है। मंदिर का निर्माणकाल १००० सन् ई. है तथा इसकी लंबाई १०२', चौड़ाई ६६' और ऊँचाई १०१' है। स्थानीय मत के अनुसार इसका कंदरिया नामांकरण, भगवान शिव के एक नाम कंदर्पी के अनुसार हुआ है। इसी कंदर्पी से कंडर्पी शब्द का विकास हुआ, जो कालांतर में कंदरिया में परिवर्तित हो गया।
शिव
पुराण की विधेश्वर संहिता के अनुसार पद्म कल्प के प्रारंभ में एक बार ब्रह्मा और विष्णु के मध्य श्रेष्ठता का विवाद उत्पन्न हो गया और दोनों
दिव्यास्त्र लेकर युद्ध हेतु उन्मुख हो उठे। यह भयंकर स्थिति देख शिव सहसा
वहां आदि अनंत ज्योतिर्मय स्तंभ के रूप में प्रकट हो गए, जिससे दोनों
देवताओं के दिव्यास्त्र स्वत: ही शांत हो गए।