राजा
भगीरथ ने जनकल्याण के लिए पतितपावन गंगाजी को पृथ्वी पर लाने के लिए कई
वर्षों तक कठोर तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने राजा भगीरथ
को यह वचन दिया कि सर्वकल्याणकारी गंगा पृथ्वी पर आएगी। मगर समस्या यह थी
कि गंगाजी को पृथ्वी पर संभालेगा कौन?