ॐ नमः शिवाय
सावन में शिवलिंग पर जल से अभिषेक कलह को जीवन से दूर कर सुख और शांति देने वाली मानी गई है। किंतु पुराणों में कामनापूर्ति और कष्टों से छुटकारा पाने के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ फलदायी बताया गया है। इन धाराओं को अर्पण करते समय महामृत्युंज मंत्र, गायत्री मंत्र, रुद्र मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र, षडाक्षरी मंत्र जरुर बोलना चाहिए। जब किसी का मन विचलित हो, अवसाद से भरा हो, परिवार में कलह हो रहा हो, अनचाहे दु:ख और कष्ट मिल रहे हो तब शिव लिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय है। इसमें भी शिव मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए।- कुल की वृद्धि के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करें।
- शिव पर जलधारा से अभिषेक मन की शांति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है।
- भौतिक सुखों को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- रोग मुक्ति के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें।
- गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर हर सुख और आनंद मिलता है।
- सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा। शिव को गंगाधर कहा जाता है। शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है। गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। इससे अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मन्त्र जरुर बोलना चाहिए। सावन माह में शिव का ऐसी धाराओं से अभिषेक व पूजा से भगवान शिव के साथ शक्ति, श्री गणेश और धनलक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।
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