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एक बार भोले शंकर से बोलीं हँस कर पार्वती


ॐ नमः शिवाय


एक बार भोले शंकर से बोलीं हँस कर पार्वती,
'चलो जरा विचरण कर आये, धरती पर हे धूर्जटी !

भगवान गणेश के जन्म की पूरी कथा

ॐ नमः शिवाय

 

भगवान गणेश के जन्म की पूरी कथा


गणेश जी के जन्म की कहानी बहुत रोमांचक है। बहुत बहुत साल पहले जब पृथ्वी पर

श्रीरावणकृतं शिवताण्डवस्तोत्रं

ॐ नमः शिवाय

अनेक भक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई स्तुतियों की रचना की है। रावण भी भगवान शिव का परम भक्त था। रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ही शिव तांडव स्त्रोत की रचना की थी। रावण नित्य इस स्त्रोत से भगवान शंकर की पूजा करता था। इस स्त्रोत का महत्व है कि जो भी इसका पाठ करता है वह कभी दरिद्र नहीं होता। उसकी हर मनोकामना पूरी होती है तथा दुनिया भर के सभी ऐश्वर्य, सुख आदि उसके पास होता है।

 
शिव तांडव स्तोत्रम्
 
जटाटवीग लज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।

डमड्डमड्डमड्डम न्निनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1

ज्योतिर्लिंगों से जुड़ा है सृष्टि का सारा रहस्य

ॐ नमः शिवाय

ज्योतिर्लिंगों से जुड़ा है सृष्टि का सारा रहस्य

 

 जब पहली बार विधाता ने इस सृष्टि की रचना शुरू की थी। दरअसल शिव के ज्योतिर्लिंगों से जुड़ा है सृष्टि का सारा रहस्य। हर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी है मनोरथ और सिद्धि के तमाम सीढ़ियां।
लेकिन पहले जानते हैं शिव कौन हैं। कैसे धारण करते हैं वो इस जगत को। कैसे देवी भगवती शक्ति बनकर हमेशा उनके साथ रहती हैं।

शिव के लिए पार्वती ने किया था कठोर तप

ॐ नमः शिवाय

शिव के लिए पार्वती ने किया था कठोर तप

शिवपुराण में कथा आती है कि ब्रह्माजी के आदेशानुसार भगवान शंकर को वरण करने के लिए पार्वती ने कठोर तप किया था। ब्रह्मा के आदेशोपरांत महर्षि नारद ने पार्वती को पंचाक्षर मंत्र 'शिवाय नमः' की दीक्षा दी। दीक्षा लेकर पार्वती सखियों के साथ तपोवन में जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठोर तप का वर्णन शिवपुराण में आया है-

कालों के काल महाकाल

ॐ नमः शिवाय

कालों के काल महाकाल
 
कहते हैं शिव के अनेक रूप हैं। शिव की आराधना करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। श्रावण मास में तो शिव की आरधना अति फलदायी होती है। भगवान शिव देशभर में अनेक स्थानों पर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। भारत देश में 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग है, जिनमें से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है।

सती शिव की कथा

ॐ नमः शिवाय
 
सती शिव की कथा

दक्ष प्रजापति की कई पुत्रियां थी। सभी पुत्रियां गुणवती थीं। पर दक्ष के मन में संतोष नहीं

शिवपुराण में शिव-शक्ति का संयोग

ॐ नमः शिवाय
 
शिवपुराण में शिव-शक्ति का संयोग

शिव पुराण के अनुसार शिव-शक्ति का संयोग ही परमात्मा है। शिव की जो पराशक्ति है उससे चित्‌ शक्ति प्रकट होती है। चित्‌ शक्ति से आनंद शक्ति का

दुर्गाध्यानम्

ॐ नमः शिवाय

दुर्गाध्यानम् 
Durga Dhyan Mantra
 
जटाजूटसमायुक्तामर्धेन्दुकृरलक्षणाम्
लोचनात्रयसंयुक्तां पद्नेन्दुसदृशाननाम् ॥१॥
आतसीपुष्पवर्णाभां सुप्रतिष्ठां सुलोचनाम्
नवयौवनसम्पन्नां सर्वाभरणभूषिताम् ॥२॥
उग्रचण्डा प्रचण्डा चण्डोग्रा चण्डनायिका
चन्डा चण्डवती चैव चण्डरूपाति चण्डिका

भगवान विष्णु और शिव एक हैं

ॐ नमः शिवाय
 
भगवान विष्णु और शिव एक हैं
 
कदाचिद् देवदेवो मां ध्यायत्यमितविक्रम: ।ध्यायाम्यहं च देवेशं शंकर त्रिपुरान्तकम् ॥ शिवस्याहं प्रिय: प्राण: शंकरस्तु तथा मम । उभयोरन्तरं नास्ति मिथ: संसक्तचेतस: ॥ नरक यान्ति ते नूनं ये द्विषन्ति महेश्वरम् । भक्ता मम विशालाक्षि सत्यमेतद् ब्रवीम्यहम् ॥

भगवान् विष्णु बोले
प्रिये ! मैं हृदयमें जिनका ध्यान कर रहा हूँ, उनका

भद्रकालीस्तुति

ॐ नमः शिवाय
 भद्रकालीस्तुति:
Bhadrakali Stuti 
ब्रह्माविष्णु ऊचतु:

नमामि त्वां विश्वकर्त्रीं परेशीं नित्यामाद्यां सत्यविज्ञानरूपाम् ।
वाचातीतां निर्गणां चातिसूक्ष्मां ज्ञानातीतां शुद्धविज्ञानगम्याम् ॥१॥

श्री सांब सदाशिव अक्षरमालास्तवः

ॐ नमः शिवाय
 
श्री सांब सदाशिव अक्षरमालास्तवः

Shiva Aksharamala Stotram

सांब सदाशिव सांब सदाशिव ।
सांब सदाशिव सांब शिव ॥
अद्भुतविग्रह अमराधीश्वर अगणित गुणगण अमृत शिव - हर - सांब
आनन्दामृत आश्रितरक्षक आत्मानन्द महेश शिव - हर - सांब
इन्दुकलादर इन्द्रादिप्रिय सुन्दररूप सुरेश शिव - हर - सांब